वाल्मीकि ने राजस्थान प्रदेश को ‘मरुकान्तार’ कहा है।
राजपुताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 ई. में जोर्ज थोमसन ने किया
विलियम फ्रेंकलिन ने 1805 में ‘मिलिट्री मेमोयर्स ऑफ़ मिस्टर जोर्ज थोमसन’ नामक पुस्तक प्रकाशित की। उसमे उसने कहा कि जोर्ज थोमसन संभवत: पहला व्यक्ति था, जिसने राजपुताना शब्द का प्रयोग इस भू-भाग के लिए किया था।
कर्नल जेम्स टॉड ने इस प्रदेश का नामरायस्थानरखा क्योंकि स्थानीय साहित्य एवं बोलचाल में राजाओ के निवास के प्रान्त कोरायथानकहते थे। उन्होंने 1829 ई. में लिखित अपनी प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तकAnnals & Antiquities Of Rajasthan (Or Central And Western Rajpoot States Of India)में सर्वप्रथम इस भोगोलिक प्रदेश के लिए राजस्थान शब्द का प्रयोग किया।
26 जनवरी, 1950 को इस प्रदेश का नाम राजस्थान स्वीकृत किया गया।
यद्यपि राजस्थान के प्राचीन ग्रंथो में राजस्थान शब्द का उल्लेख मिलता है। लेकिन वह शब्द विशेष के रूप में प्रयुक्त न होकर रियासत या राज्य के रूप में प्रयुक्त हुआ है। जेसे –
राजस्थान शब्द का प्राचीनतम प्रयोगराजस्थानीयादित्य वि.स. 682में उत्कीर्ण बसंतगढ़ (सिरोही) के शिलालेख में मिलता है।
मुहणोत नेणसी की ख्यात व राजरूपक में राजस्थान शब्द का प्रयोग हुआ। यह शब्द भोगोलिक प्रदेश राजस्थान के लिए प्रयुक्त हुआ नहीं लगता। अर्थात राजस्थान शब्द के प्रयोग के रूप में कर्नल जेम्स टॉड को ही श्रेय दिया जाता है।
0 comments:
Post a Comment